9वां FIDSI नेशनल डायरेक्ट सेलिंग कॉन्क्लेव | श्रीनगर
“भारत का डायरेक्ट सेलिंग उद्योग आगे बढ़ा – 7% की वृद्धि”
3 जुलाई 2025 को फेडरेशन ऑफ इंडियन डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्रीज (FIDSI) ने CII (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के साथ मिलकर 9वां राष्ट्रीय डायरेक्ट सेलिंग कॉन्क्लेव का आयोजन श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) में किया।
यह कार्यक्रम डायरेक्ट सेलिंग को और अधिक नैतिक, व्यवस्थित और उपभोक्ता-केंद्रित बनाने के लिए सरकार, उद्योग और अन्य महत्वपूर्ण लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास था।
🏛️ श्रीनगर में एक खास आयोजन
इस कार्यक्रम में कई बड़े नेता और अधिकारी शामिल हुए:
👤 मुख्य अतिथि: श्री सतीश शर्मा – माननीय मंत्री, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, जम्मू-कश्मीर
👤 अतिथि सम्माननीय: श्री नासिर असलम वानी – माननीय मुख्यमंत्री के सलाहकार, जम्मू-कश्मीर
👥 अन्य प्रमुख लोग:
- श्री सौरभ भगत – प्रमुख सचिव, उपभोक्ता मामलों का विभाग, जम्मू-कश्मीर
- डॉ. एम ए अलीम – अध्यक्ष, CII जम्मू-कश्मीर
- FIDSI, CII और देश की प्रमुख डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के प्रतिनिधि
📊 2025 इंडस्ट्री रिपोर्ट का लॉन्च
कॉन्क्लेव का सबसे बड़ा आकर्षण था 2025 डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री रिपोर्ट का लॉन्च। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत का डायरेक्ट सेलिंग उद्योग 7% की बढ़त के साथ ग्लोबल औसत से भी आगे निकल गया है।
यह डायरेक्ट सेलिंग के माध्यम से देश में रोजगार और उद्यमिता बढ़ाने की क्षमता को दिखाता है।
✨ कॉन्क्लेव की मुख्य बातें
✅ जम्मू-कश्मीर में Direct Selling (Consumer Protection) Rules, 2021 को लागू करने पर चर्चा
✅ राज्य में निगरानी समिति बनाने का प्रस्ताव, जिसमें FIDSI की भागीदारी होगी
✅ उपभोक्ता जागरूकता और अनुपालन प्रशिक्षण पर जोर
✅ युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों पर फोकस
🗣️ कार्यक्रम में कही गई खास बातें
श्री सतीश शर्मा ने कहा:
“डायरेक्ट सेलिंग युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता का एक मजबूत जरिया है। सरकार इसका पूरा समर्थन करेगी।”
श्री नासिर असलम वानी ने कहा:
“हमारे युवाओं को डायरेक्ट सेलिंग के जरिए नए अवसर मिल सकते हैं, लेकिन इसके लिए उपभोक्ताओं का भरोसा सबसे जरूरी है।”
🌱 आगे का रास्ता
भारत का डायरेक्ट सेलिंग उद्योग अब ₹21,282 करोड़ के बाजार आकार और 8.6 मिलियन डायरेक्ट सेलर्स के साथ देश में तेजी से बढ़ रहा है। जम्मू-कश्मीर अब इस उद्योग के लिए एक मॉडल राज्य बनने की ओर बढ़ रहा है, जहां पारदर्शिता और नैतिकता को प्राथमिकता दी जाएगी।