विश्व हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस

                             विश्व हिंदी दिवस विशेष                

‘स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिंदी’

वर्ष 2006 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (Vishwa Hindi Diwas) मनाने को घोषणा की थी। तब से लेकर 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा का दर्जा द‍िया गया है। इस मौके पर जगह जगह निबंध प्रतियोगिता, सेमिनार, वाद विवाद, बैठक का आयोजन होता है। ह‍िंदी की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है क‍ि बच्‍चा, बडा द‍िन, अच्‍छा, सूर्य नमस्‍कार जैसे शब्‍द ऑक्‍सफॉर्ड ड‍िक्‍शनरी में शाम‍िल क‍िए गए हैं।

बिजनेस में हिंदी का महत्व

हिंदी दुनिया की पांचवीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। लगभग 260 मिलियन लोग हिंदी बोलते हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है। जनसंख्या में दूसरा सबसे बड़ा और यकीनन सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं की सूची में हिंदी को जोड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्ताव बनाए गए हैं।  यदि भारत में व्यापार करना आसान करना है तो व्यापार को बढ़ावा देने में हिंदी का एक बहुत बड़ा योगदान हो सकता है।

डायरेक्ट सेलिंग में हिंदी का योगदान

डायरेक्ट सेलिंग की बात करें तो हिंदी का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है। डायरेक्ट सेलिंग में कंपनी किसी भी Product या कोई भी Services को किसी भी दुकान, बिचौलिए या ऐसे किसी भी Shopping Outlets में नहीं देकर सीधे अपने सभी Products को अपने Independent Retailers की सहायता से सीधे Customers को बेचती है। ऐसे में यदि हिंदी भाषा के राज्यों यानी उत्तरी भारत में डायरेक्ट सेलिंग के बिजनेस को बढावा देना है तो हिंदी का आना बहुत जरूरी है। इससे हम लोगों से डायरेक्ट संवाद कर उन्हें प्रोडक्ट की पूरी जानकारी आसानी से समझा सकते हैं।

विज्ञापन में हिंदी का प्रयोग

चाहे बात किसी भी तरह के बिजनेस की हो, विज्ञापन जरूरी होता है। भारत में विज्ञापन का कारोबार हजारों करोड़ रुपए से ज्यादा का है। इसमें भी हिंदी में विज्ञापनों का बाजार तेजी से बढ़ा है। खासतौर से उत्तर भारत के राज्यों जो पूरी तरह से हिंदी भाषी राज्य कहे जाते हैं, विज्ञापन बाजार पर हिंदी का ही कब्जा है। कारोबार के हिसाब से देखें तो देश भर में आठ सौ से ज्यादा मान्यता प्राप्त विज्ञापन एजेंसियां हैं।

कई देशों में बिजनेस करने में सहायक

आज हिंदी भाषा के बढ़ते चलन और वैश्विक रूप ने रोजगार की अनेक संभावनाओं को उजागर किया है। विविध क्षेत्रों में इसकी स्वीकृति और प्रयोजनीयता बढ़ने से हिंदी को नई दृष्टि से देखा जा रहा है। निश्चित ही इस दृष्टि में बाजार का बहुत बड़ा योगदान है। यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व के लगभग एक सौ सैंतीस देशों में हिंदी भाषा विद्यमान है। नेपाल, चीन, सिंगापुर, बर्मा, श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया, तिब्बत, भूटान, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव जैसे देशों में भी हिंदी बोलने वाले लोग रहते हैं।