प्रत्यक्ष बिक्री (डायरेक्ट सेलिंग) उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए व्यापार के विभिन्न रूपों में से एक है, लेकिन रिटेल स्टोर के व्यापार और ई-कामर्स माडल के विपरीत यह ग्राहकों से सीधे संपर्क से उन्नत होता है ।
डायरेक्ट सेलिंग में एक उपभोक्ता एक वितरक भी होता है, वह इसकी विषिश्टता भी है जो इसे अलग बनाती है लेकिन इसके साथ साथ इसमें एक कमी भी है। इसी कारण अब हमने कस्टमर की तलाष करने के बजाय डिस्ट्रीब्युटर की तलाष षुरू कर दी है। अधिकांष मार्केटिंग प्लान में डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा की गई प्राथमिक बिक्री पर ही पाइंट्स दिए जाते हैं जबकि इसमें उनके द्वारा की गई बिक्री का लेखा जोखा नहीं रखा जाता। असल में यदि आप डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों का सर्वेक्षण करते हैं तो आप समझेंगे कि इनमें से अधिकांष कंपनियों के पास उपभोक्ता सम्बंधित डेटा भी उपलब्ध नहीं होता हैं और जब एक कंपनी का व्यवसाय कम हो जाता है तो उपभोक्ता उत्तेजित हो जाते हैं और कंपनी के बारे में नेगेटिव विचार देना षुरू कर देते है जिससे कंपनी के बारे में उद्योग जगत में गलत धारणा बन जाती है।
कुछ बिंदु जो अनुसरण किये जा सकते हैं
1. उपभोक्ता सम्बंधित डेटा के लाभ के बारे में प्रत्यक्ष बिक्री (डीएस) कम्पनियों को षिक्षित करना 2. डिस्ट्रीब्युटर द्वारा की गई माध्यमिक बिक्री को समायोजित करने के लिए बिजनेस प्लान योजना में परिवर्तन 3. उपभोक्ताओं को बिक्री के लिए दिए जाने वाले बोनस और ईनाम में परिवर्तन 4. बल्क परचेस के नेगेटिव इफेक्ट के बारे मे म्कनबंजम करना।