लॉकडाउन के बाद का डायरेक्ट सैलिंग उद्योग
डायरेक्ट सैलिंग व्यवासाय निजी रिश्तों एव परस्पर वार्तालाप व विशाल समूह में कार्य करता है अतः कोविड.19 के दुष्प्रभाव से अछूता नहीं है। फिर भी व्यापार के सुचारुपण के लिए उद्योगने डिजिटल तकनी कों का सहारा लियाहै।
उदहारण के लिए AMWAY INDIA अधिकतम ऑनलाइन ऑर्डरों की ओर अग्रसर है जो की फरवरी 2020 के 34% की तुलना में अब100% है। कंपनी अपनी वेबसाइट पर बढ़ते बोझ से निपटने के लिए संसाधनों को बढ़ाने में लगी है। यह आर्डर कंपनी के उपभोक्ताओं और डायरेक्ट सेलरों से 50% – 50% के अनुपात में प्राप्त हो रहे हैं।
एक सर्वे के अनुसार कोविड.19 और लॉकडाउन के उपरांत लोगों के खरीदने की आदत में काफी बदलाव आएगा और उनकी ऑनलाइन खरीद में रूचि बढ़ेगी जो की अगले 6-9 महीनों में वर्तमान के 46% की तुलना में 64% हो जाएगी। सूचना प्रोद्योगिक capgemini के सर्वे के अनुसार कोविड.19 और लॉकडाउन के उठाये जाने के उपरांत ऑनलाइन व्यवासाय की संख्या में वृद्धि होगी। इसलिए भारत में डायरेक्ट सैलिंग उद्योग के ऑनलाइन व्यापार में अत्यधिक वृद्धि के आसार हैं।
नवंबर, 2019 में भारत सरकार उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय ने सम्बंधित पक्षों से उपभोक्ता संरक्षण पर विचार एव सुझाव व टिप्पणियां आमंत्रित की थीं। यह नियम डायरेक्ट सैलिंग गाइडलाइन्स, 2016 जैसे ही हैं। इनका मुख्य उद्देश्य व वसायिओं के बड़े बड़े दावों से उपभोक्ताओं को बचाना व एजेंटों से ली जाने वाली फीस को रोकना है।